वैश्विक तनाव के बीच जी-20 का नेतृत्व- स्वदेश (20.11.2022)
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निरंतर गहराते भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक मंदी की आहट तथा बढ़ती ऊर्जा की कीमतें व ऊर्जा सप्लाई पर प्रतिबंधों जैसी चुनौतियों के बीच एक दिसंबर 2022 से भारत जी-20 की मेजबानी करने जा रहा है। वर्तमान में संपूर्ण विश्व दो ध्रुवों में बटकर संघर्षों की ओर अग्रसर है , परन्तु भारत किसी पक्ष में न होकर शांतिपूर्ण समाधान के लिये कूटनीतिक प्रयास व संवाद का पक्षधर रहा है। सितम्बर 2022 में उज़्बेकिस्तान के समरकंद में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भारत ने रूस से स्पष्ट कह दिया था कि आज का युग , युद्ध का नहीं है। ऐसे समय में जब संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था विश्व की गंभीर समस्याओं को सुलझाने में निरर्थक साबित हुई है , तब जी-20 की जिम्मेदारी बढ़ जाती है , जो दुनिया का सबसे बड़ा और शक्तिशाली आर्थिक संगठन है। निरंतर गहराते भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक मंदी की आहट तथा बढ़ती ऊर्जा की कीमतें व ऊर्जा सप्लाई पर प्रतिबंधों जैसी चुनौतियों के बीच एक दिसंबर 2022 से भारत जी-20 की मेजबानी करने जा रहा है। वर्तमान में संपूर्ण विश्व दो ध्रुवों में बटकर संघर्षों की ओर अग्रसर है , ...