संस्कृति बोध का परिचायक- दैनिक जागरण, राष्ट्रीय संस्करण (15 सितंबर 2023)
जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति की ओर से दिए गए रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र पर 'प्रेसिडेंट आफ भारत' और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सीट पर भारत लिखे जाने से यह विषय चर्चा में तो है, परंतु इससे भारतीयता का बोध होता है जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति की ओर से दिए गए रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र पर 'प्रेसिडेंट आफ भारत' लिखा था, जिसने 'भारत बनाम इंडिया' के बीच देश भर में फिर से विमर्श खड़ा कर दिया कि देश का नाम क्या होना चाहिए? उल्लेखनीय है कि राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत एक चक्रवर्ती सम्राट हुए, जिन्हें चारों दिशाओं की भूमि का स्वामी कहा जाता था। सम्राट भरत के नाम पर ही देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। भारत संस्कृत के 'भ्र' धातु से बना है तथा उत्पन्न व निर्वाह जैसे अर्थ लिए हुए है। भारत नाम से सांस्कृतिक शृंखला की कड़ियों को जुड़ने की अनुभूति होती है, जिसकी जड़ें ऐतिहासिक हैं। परंतु भारत की जगह जब इंडिया कहा जाता है, तब हमारी निरंतरता भंग होती दिखाई देती है। वेद, पुराण, उपनिषद, महाभारत तथा ग्रंथों में भारत नाम से ही उल्लेख मिलता है। भा...