चीन के लिए भी कठिन वक्त- हस्तक्षेप, राष्ट्रीय सहारा, 09.11.2024
चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी जारी है। चीन अपनी स्थिर अर्थव्यवस्था तथा अमेरिका, यूरोप व अपने कई पड़ोसियों के साथ तनावपूर्ण संबंधों का सामना कर रहा है। अमेरिका ने चीनी कंपनियों पर व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे चीन को कठिन स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। इसके साथ ही चीन को दक्षिण चीन सागर में कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। फिलीपींस के जहाज चीन को समुद्र में चुनौती दे रहे है और लगभग हर महीने चीन के विस्तारवादी मंसूबों से उनकी टकराहट होने लगी है। इसके साथ ही ताइवान के विलय के लक्ष्य को शी जिनपिंग अभी तक हासिल नहीं कर पाये हैं, जिसके लिए चीन लगातार सैन्य-अभ्यास के माध्यम से ताइवान की घेराबंदी कर रहा है। अपने इरादे को पूरा करने के लिए चीन को हिमालय की शांतिपूर्ण स्थिर सीमा की आवश्यकता है, जहां भारत मजबूती के साथ डटा है। चीन के लिए एक साथ ताइवान और भारत के साथ युद्ध की स्थिति में तैयार रखना मुश्किल है। विगत चार वर्षों की सीमा-गतिरोध के बीच सैन्य व कूटनीतिक स्तर की वार्ता के बाद भारत और चीन द्वारा 21 अक्टूबर 2024 को अपने सैनिकों की वापसी और गश्त शुरू करने को लेकर किय...